नई दिल्ली । पिछले तीन वर्ष में नियामक निकायों को निजी टेलीविजन चैनलों पर अभद्र और अश्लील विज्ञापनों के खिलाफ 73 शिकायतें मिलीं। सरकार ने संसद में यह जानकारी दी। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल। मुरुगन ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि शिकायतों का तीन-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली द्वारा ‘उचित रूप से’ निस्तारण किया गया था।
मुरुगन ने कहा कि केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियमों के तहत स्थापित तंत्र में प्रसारकों द्वारा स्व-नियमन, प्रसारकों के स्व-नियामक निकायों द्वारा स्व-नियमन और केंद्र सरकार की निगरानी प्रणाली शामिल है। मंत्री ने बताया कि जहां भी विज्ञापन संहिता का उल्लंघन पाया जाता है, वहां ‘सलाह, चेतावनी, ‘माफी मांगने का आदेश’ और ऑफ-एयर आदेश’ जारी करके उचित कार्रवाई की जाती है।
एक अलग सवाल के जवाब में मुरुगन ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म को आईटी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के भाग- तीन के तहत आचार संहिता का पालन करना आवश्यक है। मंत्री ने कहा, ये संहिताएं स्व-नियामक प्रकृति की हैं। मुरुगन ने कहा कि इन आचार संहिताओं के तहत प्रकाशकों को ऐसी कोई भी सामग्री प्रसारित नहीं करनी चाहिए जो कानून द्वारा निषिद्ध हो और नियमों में दिए गए सामान्य दिशा-निर्देशों के आधार पर सामग्री का आयु-आधारित स्व-वर्गीकरण पांच श्रेणियों में करना चाहिए।
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