नई दिल्ली। मालदीव की तर्ज पर केंद्र सरकार ने देश में सी-प्लेन सेवा को बढ़ावा देने गाइडलाइन तैयार की हैं। इसमें नॉन-शेड्यूल ऑपरेटर भी इस सर्विस को शुरू कर सकेंगे। नई गाइडलाइंस में सी-प्लेन सर्विस को शुरू करने के लिए जरुरी लाइसेंस और एनओसी प्रक्रिया को आसान बनाया है। इसका मकसद विमान सेवा के तहत सी-प्लेन सेवा को बढ़ावा देना है।
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि मालदीव अपने देश में 108 सी-प्लेन सर्विस दे रहा है। भारत में भी इसका स्कोप है। हमारे देश में हजारों किलोमीटर का समुद्री क्षेत्र है। जहां सी-प्लेन सेवा को बड़े स्तर पर शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार चाह रही है कि देश में सी-प्लेन बनाया जाएं और यहां उनकी मेंटेनेंस करने के लिए एमआरओ भी खुलें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों ने सी-प्लेन सर्विस को शुरू करने में रुचि दिखाई है। एक अक्टूबर को विजयवाड़ा से समुद्री विमान की डेमो उड़ान शुरू होगी। इसके लिए डीजीसीए ने गाइडलाइंस तैयार की है। इसमें वाटर ड्रोम लाइसेंस की जरुरत नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ जरूरी आवश्यकताओं के साथ ही सीपीएल धारक अब सीधे सी-प्लेन रेटिंग ले सकेंगे। जिससे उन्हें सी-प्लेन उड़ाने की इजाजत मिल जाएगी।
देश में 31 अक्टूबर 2020 को पीएम मोदी ने सी-प्लेन सेवा शुरू की थी। यह अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट से केवड़िया में स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी तक की थी। अंडमान और निकोबार में भी यह शुरू हुई थी लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चली। इसके बाद फिर केंद्र सरकार इसे बड़े स्तर पर शुरू करने की योजना बना रही है। इसके तहत तीन सालों में 100 से ज्यादा रूट पर यह सेवाएं शुरू की जाएंगी। इसके साथ ही सरकार अंडमान एवं निकोबार, लक्षद्वीप, गोवा, असम, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में 18 स्थानों पर पानी के इलाकों में हवाई क्षेत्र स्थापित करने की योजना बना रही है।
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