ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के लिए यमुना प्राधिकरण सौ ईवी बसें चलाएगा। यह बसे निजी संचालकों की मदद से चलाई जाएगी। मंडलायुक्त मेरठ मंडल सेल्वा कुमारी जे. ने बसों के संचालन को मंजूरी दे दी है। प्राधिकरण अधिकारी इसी सप्ताह एआरटीओ के साथ बैठक कर बसों का मार्ग तय किया जाएगा। 15 नवंबर से बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।
पचास बसें एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के लिए और पचास का संचालन यमुना प्राधिकरण के सेक्टरों की कनेक्टिविटी के लिए किया जाएगा। यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होने पर 250 बसें और चलाई जाएंगी। यात्रियों की एयरपोर्ट तक आवाजाही का चुनौतीपूर्ण है। इसके समाधान के लिए सौ ईवी बसों के संचालन की योजना तैयार की गई है। यमुना प्राधिकरण के इस प्रस्ताव को मंडलायुक्त की मंजूरी मिल चुकी है। बसों के लिए मार्ग निर्धारण के लिए इसी सप्ताह बैठक होगी।
एयरपोर्ट कनेक्टिविटी के लिए संचालित होने वाली बसों को आइजीआइ एयरपोर्ट दिल्ली, दिल्ली के प्रमुख स्थानों के अलावा गाजियाबाद, नोएडा व ग्रेटर नोएडा के लिए चलाएगा जाएगा। इससे यात्री एयरपोर्ट तक आसानी से आ जा सकेंगे। यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि मार्ग निर्धारण में शुरुआत में डेढ़ सौ किमी तक का दायरा तय किया जाएगा। भविष्य में इसका दिल्ली समेत यूपी, हरियाणा, राजस्थान व उत्तराखंड के 26 जिलों का विस्तार किया जाएगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट इन 26 जिलों में मिलने वाले यात्रियों की संख्या के आधार पर ही बनाई गई थी।
एयरपोर्ट व यीडा के सेक्टरों की कनेक्टिविटी के लिए बसों का संचालन निजी संचालकों की मदद से होगा। बसों की संचालन लागत और यात्रियों से होने वाली आमदनी घटती है तो इसकी भरपाई यमुना प्राधिकरण करेगा। यीडा क्षेत्र में अभी सार्वजनिक परिवहन की सुविधा नहीं है। पचास ईवी बसों के संचालन से यीडा क्षेत्र के सेक्टरों की कनेक्टिविटी भी होगी। सेक्टर 22 डी में आवंटियों ने रहना शुरू कर दिया है।
इसके अतिरिक्त सेक्टर 18 में आवंटियों ने निर्माण कराए हैं। सेक्टर 22 ई में संस्थाओं के परिसर का निर्माण हो रहा है। आगामी सत्र से इनमें शैक्षणिक गतिविधि संचालित होंगी। बस संचालन से यीडा सेक्टरों में आना जाना की सुविधा हो जाएगी। यमुना प्राधिकरण परिवहन विभाग के जरिए से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से परीचौक व रबूपुरा से परीचौक के बीच छह बसों का संचालन किया जा रहा है। इसे पिछले साल शुरू किया गया था। बस संचालन में होने वाले घाटे की भरपाई यमुना प्राधिकरण की ओर से की जा रही है।
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