वाशिंगटन । इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) लीक हो रहा है। दिक्कत ये है कि ठीक करने के बजाय अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस आपस में मनमुटाव करके बैठे हैं। ये लीकेज स्पेस स्टेशन के रूसी मॉड्यूल पीआरके में हो रही है। नासा और रूसी स्पेस एजेंसी लीक के बारे में 2019 से जान रहे हैं। लेकिन लीक के पीछे की वजह अब तक नहीं खोजी गई है। कई बार लीकेज की वजह से स्पेस स्टेशन को खतरा आया है। लीकेज की जगह को सील करने की भी कोशिश की गई। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
इस विवाद की वजह से स्पेस स्टेशन पर मौजूद अतरिंक्ष यात्री सुनीता विलियम्स सहित अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को दिक्कत हो सकती है। हाल में नासा ने लीक को लेकर जो रिपोर्ट दी है उसके मुताबिक लीक की वजह से स्टेशन साल 2030 तक काम करने लायक नहीं बचेगा।
नासा ने बताया कि स्पेस स्टेशन पर जो रूसी मॉड्यूल में लीकेज है, उससे हर दिन 0.9 से 1.1 किलोग्राम हवा निकल रही है। इससे स्पेस स्टेशन का संतुलन बिगड़ रहा है। इस साल अप्रैल में यह लीकेज 1.7 किलोग्राम प्रति दिन में बदल गया था।
नासा प्लान में भी है कि वह स्पेस एक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल में एक्स्ट्रा पैलेट सीट लगाए और अपने एस्ट्रोनॉट्स को बचाकर धरती पर वापस ले आए। जल्द ही स्टेशन के अलग-अलग स्थानों पर दरारें भी आ सकती हैं। वहां फट सकता है। वैसे भी स्पेस स्टेशन को 2030 तक काम करने लायक रखने की कोशिश हो रही है। फिर वह धरती के वायुमंडल में जलते हुए नीचे गिर जाएगा।
रूसी स्पेस एजेंसी के लोगों ने लीकेज के खतरे को हल्के में लिया है। जिसकी वजह से भविष्य में स्पेस स्टेशन की वर्किंग में बड़ी समस्या आ सकती है। स्पेस स्टेशन नवंबर 2000 से लगातार एस्ट्रोनॉट्स से भरा हुआ है। यह करीब 25 साल पुरानी अंतरिक्ष में तैरती हुई प्रयोगशाला है।
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