नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। गुरुवार को श्रम और रोजगार मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि सरकार ने न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी की है और वेरिएबल डीयरनेस अलाउंस (वीडीए) को संशोधित किया है। इस फैसले से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बढ़ती महंगाई और जीवन यापन की लागत का सामना करने में मदद मिलेगी।
संशोधित मजदूरी दरों का फायदा उन मजदूरों को मिलेगा जो निर्माण, लोडिंग-अनलोडिंग, चौकीदारी, सफाई, हाउसकीपिंग, खनन और कृषि जैसे कार्यों में लगे हुए हैं, और जो केंद्र सरकार के दायरे में आते हैं। इस फैसले से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी, जिससे महंगाई की चुनौतियों से निपटने में उन्हें राहत मिलेगी।
नई मजदूरी दरें 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगी। इससे पहले अप्रैल 2024 में मजदूरी दरों में आखिरी बार बदलाव किया गया था। मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी उनके कौशल स्तर और भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर तय की गई है। कौशल स्तर के हिसाब से मजदूरों को अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और अत्यधिक कुशल श्रेणियों में बांटा गया है, जबकि भौगोलिक क्षेत्रों को ए, बी और सी श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
संशोधन के बाद, क्षेत्र ए में अकुशल मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर 783 रुपये प्रतिदिन (20,358 रुपये प्रति माह) होगी। अर्ध-कुशल मजदूरों के लिए यह दर 868 रुपये प्रतिदिन (22,568 रुपये प्रति माह), कुशल मजदूरों के लिए 954 रुपये प्रतिदिन (24,804 रुपये प्रति माह), और अत्यधिक कुशल मजदूरों तथा हथियारबंद चौकीदारों के लिए 1,035 रुपये प्रतिदिन (26,910 रुपये प्रति माह) निर्धारित की गई है।
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