**देहरादून:** भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने गुरुवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के अधिकारियों और कंट्रोल रूम में तैनात विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों के लिए एक व्यापक संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आपदा न्यूनीकरण और प्रबंधन में भारतीय मानकों की भूमिका को स्पष्ट करना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन श्री सौरभ तिवारी, निदेशक और प्रमुख, बीआईएस देहरादून शाखा कार्यालय, और श्री डीडी डालाकोटी, निर्माण विशेषज्ञ, यूएसडीएमए ने किया। इस मौके पर यूएसडीएमए के अधिकारियों के साथ-साथ सिंचाई, स्वास्थ्य, अग्निशामक और पीडब्ल्यूडी जैसे अन्य संबंधित विभागों के 50 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। श्री सौरभ तिवारी ने बताया कि बीआईएस विभिन्न क्षेत्रों में मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित करता है।
श्रीमती मधुरिमा माधव, निदेशक, राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान (एनआईटीएस), बीआईएस, ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में हिस्सा लिया और भूकंप संभावित क्षेत्रों में भवनों के निर्माण पर भारतीय मानकों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने उत्तराखंड के लिए मानकीकृत विकास और भवन विनियम, पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन विश्लेषण, साइट मूल्यांकन, सुरक्षित डिजाइन, भवन सामग्री का चयन और निर्माण के तरीकों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है, इसलिए सभी निर्माण कार्य भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों के अनुसार किए जाने चाहिए। श्रीमती माधव ने बताया कि बीआईएस ने 700 से अधिक वस्तुओं के मानक तय किए हैं, जिसमें भवन निर्माण, स्लोप कटिंग, और अन्य निर्माण कार्य शामिल हैं।
श्री श्याम कुमार, संयुक्त निदेशक, बीआईएस, देहरादून ने बीआईएस के डिजिटल प्लेटफार्मों, जैसे कि बीआईएस केयर ऐप, और भारतीय मानकों पर टिप्पणी करने की प्रक्रिया की जानकारी दी।
इस कार्यशाला ने आपदा प्रबंधन में मानकों के महत्व को उजागर करते हुए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को बेहतर तैयारी और प्रबंधन के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की।