लंदन । चिकित्सा की दुनिया में भी अक्सर हैरान करने वाले अनुभव होते हैं। एक ब्रिटिश छात्र को साइलेंट किलर बीमारी के कारण एक गंभीर सर्जरी के दौरान 25 मिनट के लिए मरना पड़ा, इस बारे में छात्र को कभी पता ही नहीं था। 20 साल के चार्ली विंसेंट को अमेरिका की यात्रा के दौरान सनबर्न के कारण जलन के साथ अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां उपचार के दौरान दूसरी समस्या दिखी और उसका ऑपरेशन करते समय हालत और बिगड़ी और चार्ली 25 मिनट के मृत ही पड़ा रहा जिसके बाद एक चमत्कार ने बचा लिया।
डॉक्टरों ने तुरंत देखा कि उपचार के दौरान उसके फेफड़ों पर निमोनिया के पैच थे। र्थम्पटनशायर के इस युवा ने श्वसन संक्रमण के लिए एक ऑपरेशन करवाया था, लेकिन सर्जरी के दौरान छात्र को शॉक कार्डियक अरेस्ट हुआ। चार्ली को एक छोटा स्ट्रोक आया, क्योंकि डॉक्टरों ने उसके दिल की धड़कन को फिर से शुरू करने का प्रयास किया। उसके परिवार ने कहा कि चार्ली के दिल को फिर से शुरू होने में 25 मिनट लग गए।
छात्र अमेरिका में गर्मी की छुट्टियों में कैम्प का हिस्सा बनकर छह साल के बच्चों को कैनोइंग सिखाने के लिए न्यू हैम्पशायर में था। बाहर रहने के कुछ ही घंटों बाद चार्ली के पैरों पर अत्यधिक धूप की जलन हो गई। छात्र को इलाज के लिए पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन जांच के बाद डॉक्टरों ने पाया कि उसके फेफड़ों में निमोनिया है और साथ ही उसका दिल बड़ा हो गया है जिससे उसके महत्वपूर्ण अंग सामान्य से अधिक काम कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि चार्ली को जन्म से ही खतरनाक हृदय संबंधी समस्या थी, जिसे कार्डियोमेगाली के रूप में जाना जाता है। लेकिन निमोनिया के कारण यह भड़क सकता है और बढ़ सकता है। चार्ली ने लगभग घातक सर्जरी के बाद एक सप्ताह तक कोमा में बिताया। लेकिन जब उसके अंगों में सुधार के संकेत दिखने लगे तब डॉक्टर हैरान रह गए।चार्ली अब अपने पैरों पर वापस आ गया है और फिर से चल-फिर रहा है।
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