मॉस्को । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर से पश्चिम देशों को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी है। पुतिन ने राजधानी मॉस्को में सुरक्षा परिषद की तत्काल बैठक बुलाई थी। इसमें उन्होंने कहा कि सरकार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से जुड़े नियम और शर्तों को बदलने जा रही है। पुतिन ने कहा कि देश के परमाणु नियमों में कई नई चीजें जोड़ी जाएंगी। इसमें रूस के खिलाफ मिसाइल या फिर ड्रोन हमलों के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल भी शामिल है। अगर रूसी इलाके में बड़े पैमाने पर मिसाइल या ड्रोन हमला होता है, जिससे देश की संप्रभुता पर गंभीर खतरा आ सकता है, तब भी रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।
रूसी राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि यदि कोई गैर-परमाणु संपन्न देश किसी परमाणु संपन्न देश के समर्थन से रूस पर हमला करता है तो इसे दोनों देशों की तरफ से किया गया हमला माना जाएगा। उन्होंने कहा कि रूस के परमाणु हथियार, देश और उसके नागरिकों की सुरक्षा की सबसे बड़ी गारंटी हैं।
पुतिन का ये बयान तब आया है, जब यूक्रेन पश्चिमी देशों से रूस में दूर तक हमला करने वाली मिसाइलों के इस्तेमाल की इजाजत मांग रहा है। पुतिन ने कहा कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की शर्तों में बदलाव जरूरी था, क्योंकि दुनिया तेजी से बदल रही है। यूक्रेन को ब्रिटेन ने स्टॉर्म शैडो, अमेरिका ने आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम मिसाइलें दी हुई हैं। ये लंबी दूरी की घातक मिसाइलें हैं, जो करीब 300 किमी तक सटीक निशाना लगा सकती हैं। यूक्रेन इन मिसाइलों का इस्तेमाल रूस में नहीं, बल्कि सिर्फ अपनी सीमा के भीतर ही कर सकता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की चाहते हैं कि इन प्रतिबंधों को हटाया जाए, ताकि वे रूस के भीतर लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल कर सकें।
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