नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड की निरंकुश शर्तों पर कटौती करते हुए 2 अगस्त 2024 को कैबिनेट ने अधिनियम में कुल 40 संशोधन करने को मंजूरी दे दी। विपक्ष के हंगामे के बीच मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को जेपीसी के पास भेज दिया था रिपोर्ट कुल ऐसी 45 घटनाएं हैं, जिसमें वक्फ बोर्ड ने रातों-रात कब्जा लिया था। रिपोर्ट के मुताबिक वक्फ बोर्ड ने 1 होटल, 12 मंदिरों, 18 कृषि/आवासीय जमीन, रेलवे की तीन जमीनों, 9 आवासीय इमारतों और 2 धरोहरों पर भी कब्जा किया है। रिपोर्ट कहती है कि वर्तमान में पूरे भारत में लगभग 866 हजार एकड़ वक्फ संपत्तियां मौजूद हैं। वहीं सबसे ज्यादा संपत्तियां भाजपा शासित राज्यों में हैं। अगर विधेयक कानून बनता है, तब मामले में निर्णय लेने की शक्ति वक्फ ट्रिब्यूनल से जिला मजिस्ट्रेटों के पास होगी।
देश के तकरीबन प्रत्येक राज्य में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ एक सेंट्रल वक्फ बोर्ड और 32 बोर्ड हैं। देश में वक्फ बोर्ड का हाल ये है कि उसके पास आर्मी और रेलवे के बाद सबसे अधिक जमीनें हैं। वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सभी वक्फ बोर्डों के पास आज कुल मिलाकर 8 लाख 54 हजार 509 संपत्तियां हैं, जो कि 8 लाख से अधिक एकड़ से अधिक जमीन पर फैली है।
साल 2024 में हैदराबाद स्थित वक्फ बोर्ड ने 5 स्टार मैरिएट होटल को अपनी संपत्ति करार दिया था। मामले में वक्फ बोर्ड ने 27 अप्रैल 2024 को हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसतरह से पिछले माह जुलाई को मुक्ता देवी मंदिर को मनमाने तरीके से वक्फ संपत्ति वाला सांकेतिक बोर्ड लगा दिया। इसतरह अलीगढ़ स्थित मशहूर मीठा बाबा मठ को फर्जी दस्तावेजों को कब्जा लिया। महाराष्ट्र के कोल्हापुर के वडानागे गांव में वक्फ बोर्ड ने महादेव मंदिर के आसपास की जमीन पर कब्जे के विरोध में हिन्दुओं ने प्रदर्शन किया। इसी तरह से जौनपुर, वाराणसी, मथुरा, लखनऊ, बेंगलुरू, बेट द्वारका, उडुपी, अयोध्या, डूंगरपुर, वेल्लोर एर्नाकुलम, जालंधर, रानी पेट सहित देशभर के स्थानों पर जमीनों को कब्जा लिया।
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