नई दिल्ली । मोदी सरकार ने घोषणा की कि 15वें वित्त आयोग के तहत केरल और मेघालय के ग्रामीण स्थानीय निकायों को वित्तीय सहायता के रूप में 293.8 करोड़ रुपये जारी किए हैं। यह कदम मोदी सरकार द्वारा ग्रामीण स्वशासन को सशक्त बनाने के मकसद से उठाया गया है। पंचायती राज मंत्रालय के अनुसार, केरल के लिए जारी 266.8 करोड़ रुपये की यह राशि राज्य के सभी 14 जिला पंचायतों, 152 ब्लॉक पंचायतों और 941 ग्राम पंचायतों को वितरित होगी। वहीं, मेघालय के लिए 27 करोड़ रुपये की यह राशि राज्य के तीन स्वायत्त जिला परिषदों-खासी, गारो और जैंतिया के लिए निर्धारित है। पंचायती राज मंत्रालय ने बताया कि यह अनुदान केंद्र के पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से जारी हुई है।
15वें वित्त आयोग के अनुदान को केंद्र वित्त मंत्रालय के द्वारा राज्यों को जारी करता है, और यह राशि प्रत्येक वित्तीय वर्ष में दो किश्तों में दी जाती है। मोदी सरकार का उद्देश्य पंचायतों और ग्रामीण स्थानीय निकायों को अधिक सशक्त बनाना है, ताकि वे अपने क्षेत्रों में बेहतर स्वशासन की प्रक्रिया को सुगम बना सकें। इसके पहले, पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने हरियाणा, त्रिपुरा और मिजोरम के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए भी 15वें वित्त आयोग का अनुदान जारी किया था। हरियाणा के पंचायती राज संस्थाओं को पहली किश्त के रूप में 194.867 करोड़ रुपये की अनटाइड ग्रांट दी गई, जबकि त्रिपुरा के लिए 31.40 करोड़ की पहली किश्त और 47.10 करोड़ रुपये की टाइड ग्रांट्स की पहली किश्त जारी की गई। मिजोरम को भी 2022-23 के लिए अनटाइड और टाइड ग्रांट्स की दूसरी किश्तें दी गईं।
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