वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि चुनाव का परिणाम का भारत और अमेरिका के संबंधों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चुनावों के परिणामों के बावजूद अमेरिका का वैश्विक दखल और उसकी विदेश नीति में एक अलगाववादी प्रवृत्ति आने की संभावना है।
जयशंकर ने यह बयान बुधवार को कैनबरा में एक कार्यक्रम में दिया जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम की गिनती चल रही थी, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है। जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी चुनाव के परिणामों से अमेरिकी दीर्घकालिक विदेश नीति में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है। विशेष रूप से बराक ओबामा के बाद से अमेरिका ने अपनी वैश्विक प्रतिबद्धताओं के बारे में ज्यादा सतर्कता दिखाई है। उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का उदाहरण दिया और कहा कि भविष्य में भी अमेरिकी नीति में इस तरह का अलगाव जारी रह सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनते हैं तो उनकी नीतियां और स्पष्ट हो सकती हैं, लेकिन हम अमेरिका को वर्तमान प्रशासन के विचारों से परे देखें और समझें। अमेरिका को शुरू में जो वैश्विक प्रभुत्व और उदारता हासिल थी, वह शायद भविष्य में न रहे। जयशंकर का यह बयान अमेरिका की बदलती विदेश नीति की ओर इशारा करता है, जो ज्यादातर घरेलू मामलों और राष्ट्रीय हितों पर केंद्रित है। जयशंकर ने यह भी उल्लेख किया कि भविष्य में भारत और अमेरिका के बीच संबंध और मजबूत होंगे। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रियों ने भी कहा कि उनके देशों को वैश्विक स्तर पर अपनी इच्छाओं के मुताबिक वातावरण बनाने के लिए कदम उठाने होंगे। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने कहा कि हम जिस दुनिया को बनाने की कोशिश कर रहे थे, वह बदल रही है और हमें इस पर प्रतिक्रिया देनी होगी।
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