देहरादून। उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को मजबूत बनाने और युवाओं को आपदा के दौरान फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में तैयार करने के लिए युवा आपदा मित्र योजना लागू की गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), गृह मंत्रालय, भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य के 11 जिलों में 4310 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इनमें 50% महिलाएं शामिल होंगी, ताकि आपदा प्रबंधन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड के स्वयंसेवकों को मिलेगा प्रशिक्षण
उत्तराखंड में एनसीसी, एनएसएस, भारत स्काउट एवं गाइड और नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवकों को इस योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, आग, आकाशीय बिजली, रासायनिक आपदाओं से निपटने और सीपीआर, फर्स्ट एड, रस्सी से रेस्क्यू, रक्तस्राव रोकने जैसी तकनीकों में दक्ष बनाया जाएगा।
प्रशिक्षण पूरा करने पर मिलेगा आपातकालीन किट और इंश्योरेंस
प्रशिक्षण पूरा करने वाले स्वयंसेवकों को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) की ओर से प्रशस्ति पत्र और आपातकालीन किट प्रदान की जाएगी, जिसमें लाइफ जैकेट, टॉर्च, फर्स्ट एड किट, हेलमेट, रस्सी, बरसाती, दस्ताने, सेफ्टी गॉगल्स आदि शामिल होंगे। इसके अलावा, उन्हें तीन साल का लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस भी दिया जाएगा।
25 जुलाई 2024 को मिली थी योजना को मंजूरी
यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मेरा युवा भारत,” “युवा सेतु,” और “आपदा जोखिम न्यूनीकरण” पहल के तहत लागू की गई है। 25 जुलाई 2024 को गृह मंत्री अमित शाह ने इस योजना को मंजूरी दी थी। योजना का संचालन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा किया जाएगा।
इस योजना में शामिल होने के लिए 18 से 40 वर्ष के युवा, जो उत्तराखंड के निवासी हैं और एनसीसी, एनएसएस, भारत स्काउट एवं गाइड या नेहरू युवा केंद्र से जुड़े हैं, वे आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक स्वयंसेवकों को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है।
समुदाय को सशक्त बनाने का प्रयास
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि उत्तराखंड आपदा-संवेदनशील राज्य है, और इस योजना के माध्यम से स्थानीय समुदायों को आपदाओं से निपटने के लिए सक्षम और सशक्त बनाया जाएगा। उन्होंने युवाओं से उत्तराखंड को आपदाओं से सुरक्षित रखने में योगदान देने की अपील की।